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माँ नौकर के साथ
एक दिन माँ और नौकर जिसका नाम रामु था अकेले घर पे थे रामु का लण्ड माँ को देख के हमेश खड़ा रहता था उसने कई बार रसोई में माँ के साथ काम करते वक़्त अपने लण्ड को माँ के चुतर से सताया भी है और कई बार अपने बाजुओं से माँ के चूचियों को भी टच किया है लेकिन माँ ने कभी ध्यान नहीं दिया है आज भी रसोई में माँ पालक पनीर बना रही थी रामु से सीख रही थी रामु अच्छा बनता है तो दोनों अकेले रसोई में खाना पका रहे थे और रामु इसी बात का फायदा उठाते हुए माँ के चुतरों से बार बार अपने खड़े लण्ड से टच कर रहा था एक दो बार तो माँ ने इग्नोर किया लेकिन बार बार माँ ने अपने चुतर पे उसका लण्ड महसूस कर रही थी तभी माँ समझ गई की आज ये शेर भूखा है मेरी माँ सीढ़ी है और गोरी सी है एक दम सुन्दर माँ कुछ बोल नहीं रही थी बस कढ़ाई में सब्जी पकाना सीख रही थी और रामु सीखा रहा था माँ के कुछ न बोलने पे रामु की हिम्मत थोड़ी बढ़ गई और माँ के पीछे से अपने लण्ड को माँ की गांड से एकदम से सटा दिया और माँ से एकदम चिपक के माँ को सब्जी बनाना सीखने लगा ..।

माँ - आअह्हह्ह्ह्ह रामु क्या कर रहे हो थोड़ा पीछे हटो
रामु तुरंत पीछे हैट गया और थोड़ी देर बाद फिर से माँ के गांड पे लण्ड सटाने लगा किसी न किसी बहाने से हहम्म्मम्म्म्म माँ ने महसूस किया की रामु का लण्ड टाइट लग रहा है
माँ- रामु बीवी की याद सता रही है क्या ...।
रामु- जज्जी जी मालकिन आपको कैसे पता हहम्म्म्म
माँ- हस्ते हुए आज घर में कोई नहीं तो उसका फायदा उठा रहे हो ह्ह्ह्हम्म
रामु- न न नहीं मालकिन कैसी बाते कर रही है आप
माँ- देखो मै एक औरत हु और आदमियों को मै अच्छी तरह जानती हु आदमी को उसकी बीवी से कई दिन अलग रहने पर उसकी याद सताती है ह्म्म्मम्म
रामु- और औरत को नहीं सताती ह्ह्हम्म्म्म
माँ- औरत को तो बहुत सताती है अपने पति की याद जब वह अपने पति से कई दिन नहीं मिल पाती ह्ह्हम्म्म अच्छा चलो मै हम दोनों दोस्ती करते है बताओ बीवी की याद तुम्हे कब आती है
रामु- अरे मालकिन क्या बताओ हमेशा लेकिन कर भी क्या सकता हु वैसे साहब भी तो कई कई दिन बाहर रहते है आप को भी तो उनकी याद सताती होगी न
माँ- हां हां सताती तो बहोत है लेकिन मै भी क्या कर सकती हु हहम्म्मम्म्म्म
रामु- हम दोनों की कंडीशन एक ही है हहह्म्म मालकिन आप बहोत सुन्दर है छ्हम्म
माँ- अच्छा थैंक्यू ह्ह्हम्म्म
रामु- क्या मै आपके करीब आ सकता हु हहम्म्म्म
माँ- करीब तो हु और कितना करीब ह्ह्ह्हहम्म्मम्म
रामु ने माँ के पास जाके उसको बाँहों में भरना चाहा माँ को हसी आगई

माँ- रामु रुको मै समझ सकती हु लेकिन मै शादीसुदा हु तुम जानते हो मै दो बच्चो की माँ हु ह्ह्ह्हम्म
रामु माँ से अलग हो गया और
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हाथ जोड़ के माफ़ी मांगने लगा
रामु- मालकिन गलती हो गई वो मै थोड़ा ह्म्म्मम्म
माँ थोड़ा सोची फिर
माँ- देखो रामु तुम जो चाहते हो वो तो मै नहीं कर सकती लेकिन एक काम कर सकती हु
रामु - खुश होते हुए ...। क्या मालकिन हह्म्मम्म्म्म
माँ- तुम जैसे मुझे अभी कुछ देर पहले पीछे से कर रहे थे वैसे कर सकते हो बस थोड़ी देर हहममम
रामु- आअह्ह्ह्हह जी थैंक्यू मालकिन हहम्म्मम्म आप बहोत महान है आप जैसा कोई नहीं ह्ह्हम्मम्मम
माँ के पीछे तुरंत आगया रामु और माँ के सेक्सी चुतर पे हाथ लगाके उन्हें सहलाने लगा रामु की इस हरकत से माँ को हसी आगई
रामु - आआह्ह्ह्हह मालकिन आप कितनी खूबसूरत है और आपके ये चुतर ह्ह्हम्म्म्म क्या कहने इनके हम्म्म्म बहोत ज्यादा सेक्सी ह्ह्ह्हम्म्म
माँ- हां हां आज घर में तुम्हारे साहब नहीं है तो फायदा उठा लो
रामु- आआआअह्हह्ह्ह्ह मालकिन आज तो आपकी परमिसन भी मिल गई है तो फायदा उठाना तो बनता है न
माँ- आआआह्ह्ह्ह तुम्हारे फायदे के चक्कर में देखो सब्जी जल रही है ह्म्मम्म्म्म
रामु- अरे मालकिन जलेंगे तो मोहल्ले वाले जो आपके हसीं हुस्न को देख के अपने हथियार को खड़ा करते है ह्ह्हम्म्म्म
माँ- क्या रामु तुम कुछ भी बोलते हो ह्ह्ह्हम्म्म आअह्हह्ह्ह्हह पहले अपने हथियार को सम्भालो इतनी देर से परेशान किये हो ह्ह्हम्म्म्म
रामु- अरे मालकिन मेरा हथियार तो आपके चुतर के सटते ही पागल सा हो गया है ह्ह्हम्म्म्म
और रामु माँ के गांड से अपने लण्ड को जोर जोर से घिसने लगा
