दोस्तों, यह कहानी है उत्तर भारत के छोटे से गाॅव की जो मुख्य शहर से काफी दूर बसा हुआ था जहा पर खेती करना लोगो का मुख्य काम था। इस गाॅव मे एक छोटा सा परिवार था जिसका मुखिया था बेचन (58 वर्ष) जो कि पेशे से एक छोटा किसान था जिसे अक्सर खेती करने के लिए गाॅव के लाला से कर्ज लेना पडता था जिसे चुकाने के लिए भारी ब्याज भी देनी पडती थी ।
बेचन के परिवार मे बेचन की बीवी सुधियाँ (55वर्ष)और उसके दो जुडवा बेटे मल्लू और कल्लू (18 वर्ष) थे जिनका जन्म दोनो की शादी के बीस वर्षो बाद हुआ था , भगवान की कृपा से सबकुछ अच्छा चल रहा था हर सीजन मे अच्छी फसल होती थी जिसे बेचकर बेचन लाला का कर्ज चुकाकर अच्छा मुनाफा कमा रहा था और पूरे परिवार का जिंदगी सुखमय बीत रहा था लेकिन वो कहते है ना गरीब की खुशियों को किसी की नजर जरूर लगती है , बेचन के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ ।
भयंकर सूखा पड जाने के कारण बेचन की सारी फसल बर्बाद हो गई जिससे बेचन पर लाला के सूद व ब्याज चुकाने का दबाव आ गया ।( लाला को सिर्फ अपने पैसो से प्यार था और यदि कोई किसान उसका कर्ज टाइम पर नही चुका पाता था तो वो उस किसान की बहन, बेटी या बीवी को अपनी हवस का शिकार बनाता था और किसान का कर्ज माफ करता था )
एक रोज की शाम ... बेचन अपने बेटे मल्लू के साथ हाथ मे साइकिल लिए चौराहे से लौट रहा था तभी उसे रास्ते मे लाला का आदमी हरिया मिलता है
हरिया- का बेचन काका कहा से लौट रहे हो
बेचन - मालिक साइकल खराब होई गई थी चौराहे पर बनवाये गये थे लेकिन दुकान ना खुली है मालिक
हरिया- बेचन काका इ कबाड़ साइकिल को बनवाई के का करोगे जब घर मा इतनी बढिया मोटरसाइक (सुधिया) है
बेचन- का मालिक हम कुछ समझे नाही ... ई साइकिल तो तो कल्लू मल्लू के विद्यालय जाई खातिर बनवा रहे है ।
हरिया - बेचन काका बडे माधरचोद हो आप इ अपने लौंडन को पढाई लिखाई के का कलैक्टर बनाऔगे
(बेचन डर जाता है उसके माथे से पसीना टपकने लगता जिसे अपने गमछे से पोछते हुए वो कहता है)
बेचन- मालिक माफ कर दौ आगै से गलती ना होई
हरिया- होनी भी ना चाहिए माधरचोद तेरे बेटे पढ लिख दे लेवेगे तो इ गाॅव मे खेती कौन करेगा बहीनचोद...... और लाला के ब्याज का क्या हुआ कबतक जमा होगा याद रखना आज शाम को ब्याज की रकम जमा ना कि तो सुधियाँ काकी लाला का बिस्तर गरम करेगी
(इतना सुनते ही मल्लू का खून खौल उठता है और वो हरिया की गिरेबान पकड लेता है )
मल्लू- कुत्ते कमीने, मै तेरा खून पी जाऊंगा तूने मेरी अम्मा का अपमान किया है
(इतने मे हरिया18 वर्ष के मल्लू को जमीन पर धक्का देकर गिरा देता है और अपना कट्टा निकाल कर मल्लू पर फायर करता है जिससे मल्लू की मौके पर ही मौत हो जाती है यह देखकर बेचन हरिया पर लपकता है और हरिया उसपर भी दो राउंड फायर करता है जिससे बेचन और उसके बेटे मल्लू की दिन दहाड़े मौके पर भी मौत हो जाती है )
हरिया- देख लौ गाॅव वालौ.... लाला के आदमी से टकराए का अंजाम का होत है ! अगर किसी ने मुह खोला तो उसका भी यही अंजाम होगा ... दे दौ इन कुत्तो की लाश सुधियाँ काकी को और कह देना जो लाला का कर्जा नही चुकाएंगा .. उकी एक ही सजा है ......मौत!!!!
जैसे ही सुधियाँ ने अपने पति और बेटे की मौत की खबर सुनी उसपर तो जैसे दुखो का पहाड टूट गया कई मंदिरों मे वर्षो तक मन्नत मांगने पर भगवान ने उसे दो बेटे दिए थे जो उसके और उसके पति बेचन के बुढापे का सहारा थे लेकिन आज भगवान ने एक सहारा और उसके पति को हमेशा हमेशा के लिए छीन लिया था ..... सुधियाँ अपने बेटे कल्लू से लिपटकर फूट-फूटकर रो रही थी दोनो माॅ बेटे गहरे सदमे मे थे ...... आज वो बुढापे की दहलीज पर आकर विधवा हो गई थी और उसका बेटा अनाथ हो गया था एक माॅ ने अपने जवान बेटे को खोया था और एक भाई ने परछाई रूपी अपने भाई को और अपने पिता को खोया था दोनो माॅ बेटे गहरे सदमे मे थे ।
उधर दूसरी तरफ हरिया अपने घर जाता है
हरिया - माई औ माई .... चाय पिला दो
हरिया की माॅ सूगना(60वर्ष) मोटी भारी भरकम बदन की मालकिन थी जिसे देखकर बच्चों का भी खडा हो जाता था बडी बडी चूचियों की मालकिन थी , सुगना
जो लाला की रखैल थी और लाला के घर चौका बरतन करती और सिर्फ सुगना ही जानती थी कि हरिया लाला की नाजायज औलाद है
सुगना- कहा था रे नासपिटे ? खाना खाने का टाइम हो गया है और तू चाय मांग रहा है
हरिया -दिमाग मत खराब करौ माई.. अभी मेरा सर फट जा रहा है उस माधरचोद बेचन काका कि वजह से
सुगना- अपनी माई को दिन रात चोदे तू और माधरचोद बेचन काका को कह रहा है
हरिया-क्या करती हो माई धीरे बोलो कोई सुन लेगा
सुगना - अरे सुनता है तो सुनै .. गाॅव वालो को भी तो पता चलै जिस हरिया से सब डरते है वो कितना बडा माधरचोद है जिस फटे हुए भोसडे से बाहर आया उसी मे अपना लंड डालकर अपनी माई को चोदता है ......मै क्या किसी से डरती हू क्या ?
हरिया - अरे माई काहे दिमाग सडा रही है अभी मै उस माधरचोद बेचन काका और उसके बेटे मल्लू को ठोकर आया हू ...... ला माई चाय पिला
सूगना- हाए रे अभागे नासपिटे बेचन बाबू को मार दिया तूने काहे मारा
हरिया - काहे ना मारता माई उनका वो कल का पैदा हुआ छोरा मेरी गरेबान पर हाथ डालता है उसे पता नही मै लाला का आदमी हू
सूगना- अपने मन मे कहती है (लाला का आदमी नही रे हराम के जने तू तो लाला के लावा से मेरी कोख मे आया तेरा बापू तो नपुंसक था लाला ने तुझे दिया है मुझे )
हरिया - क्या सोचने लगी माई ?
सुगना - कुछ ही बेटे अच्छा किया जो मार दिया जो आवाज लाला के खिलाफ उठेगी उसे खामोश करना जरूरी है
हरिया- ला माई गरम चाय पिलाई दे
सूखना - ना रे नासपिटे चाय ना पिलाऊंगी तुझे.... आज अपने भोसडे का शरबत पिलाऊंगी
सुधियाँ
SUDHIYA bahoot BHAIYA MAAL hain, BHAI
KALLU or SUDHIYA KI chahat or CHUDAI DIKHAO
SUDHIYA KI CHUCHIYO BOOB mai SE DOOODH NIKAL NE kaa DIKHAO
SUDHIYA or KALLU kaa chahat DIKHO
or maa(माँ) BETE kaa SEDUCE KARNA USE MANANA or chahat DIKAO
KALLU jb SUDHIYA kaa DOODH PIYEGA TO bahoot mazaa AYEGA
APP KI kahani -
बूढ़ी घोड़ी लाल लगाम NUMBER 1 kahani hain
THANK YOU SIR
SUDHIYA k STAN SE DOODH ANNA DIKHAO kahani ACHI hoo GI
SUDHIYA koo BHOLI orat DIKHAO, KALLU APNI SUDHIYA maa(माँ) koo BHOLE PAN kaa NATAK DIKA k DOODH PINA BUR SEHALANA or BIMARI kaa NATAK KARNA DIKHO, SHUDIYA koo KUCH SAMAJ HI NAYE . or KALLU mazaa LETA RAHE,
bahoot BADHIYA kahani hain, THANK YOU SIR