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अध्याय -----1----- मेरी शादी
मुझे पढाई का शौक शुरु से था, जिससे मुझे एक सरकारी कॉलेज में प्रोफेसर की नौकरी मिल गयी, मेरे दादाजी अकेले थे, और मेरे पिताजी भी अकेले है, अभी परिवार में मेरे मम्मीपापा और मै ही था। मै दिखने काफी स्मार्ट और हैंडसम हू।
मेरी शुरु से ही लव मैरिज करने की इच्छा थी, एक लड़की पसंद थी पर मै शर्मिला होने के कारण कुछ बोल ही नही पाया। एक दो लड़को के अलावा मेरे कोई खास दोस्त नही है, मेरी उम्र, 32 की हो गयी थी और मेरे दोस्तो की भी शदी हो गयी थी, मेरे रिश्ते तो आते पर कुंडली मिलाने पर बात नही बनती थी। मै मंगली था मतलब कुंडली में दोष था। उम्र बढ़ती जा रही थी मेरे स्टूडेंट की भी शादी हो चुकी थी, मेरे साथ के टीचर मेरा मजाक उड़ाते थे। तभी मेरी एक रिश्तेदार ने एक रिश्ता बताया लड़की वाले गरीब थे पर मम्मीने हामी भर दी मैने लड़की की बस तस्वीर देखी मुझे पसंद थी। लड़की की उम्र 25 थी मेरी 34 तो मम्मीने कुंडली नही मिलाई बोल दिया खो गयी है और हमारी शादी आठ में दिन करवा दी। मै बहुत खुश था क्योकि मेरी सुहागरात थी।
आजकल के लड़की लड़को की तो शादी के पहले ही सेक्स हो जाता है इसलिए वो सुहागरात के imprtance को नही समझ सकते। ये वो रात थी जिसका इंतजार मुझे सालों से था मै बहुत ही अंदर से उत्तेजित था बहुत कुछ सोचा था की बीवी के साथ पहले बातें करूँगा उससे पूछुंगा कि हनीमून पर कहा जाना है, वगैरा वगैरा, फिर सेक्स करूँगा। मै बेडरूम के अंदर गया मेरी बीवी बेड पर बैठी थी मै गेट बंद करके बेड पर बैठ गया और बीवी की उँगली को छुआ।
मेरी बीवी से अपना घूघट हटाते हुए मुझसे रोते हुए बोली अगर आपने मुझे छुआ तो मै जहर खा कर जान दे दूँगी। मैने मन में कहा भोसड़ी का ये क्या फिल्मी ड्रामा है, मैने उसके हाथों की तरफ देखा उसके हाथ में कुछ था। मैने कहा अरे सुनो तो मै कुछ नही करूँगा पर प्रॉब्लम तो बताओ वो बोली मै किसी और की हू और मेरे जिस्म पर उसी का अधिकार है। मैने कहा तो पहले ये बात क्यो नही बताई तो वो बोली मेरे घरवाले ने जबरदस्ती शादी कर दी। मैने कहा अब मै क्या करू वो बोली मुझे उसके पास भेज दो। मैने फिर मन में कहा मादरचोद मेरे इतने पैसें खर्च हो गए शादी पर इसको प्रेमी की पड़ी है।
मैने कहा कौन है तुम्हारा प्रेमी वो बोली मेरे मामा का लड़का है घरवाले बोलते है कि वो मेरा भाई है जबकि मै उसे पति मान चुकी हू। मै सोच में पड़ गया मैने कहा इसको मै घर में नही रख सकता क्योकि ये मुझे सेक्स तो करने नही देगी, और एक दिन ये मेरे पैसें लेकर भागेगी जरूर, और तलाक दिया तो मुझे और परेशानी का सामना करना पड़ेगा। सुबह इसके घरवालो से बात करता हू। पर ये पक्का है कि मेरे पापा के पैसें बर्बाद हो गए। सुबह सब मीटिंग हुई और डिसीजन हुआ कि और हमारा पति बीवी का रिश्ता खतम हो गया पर हमारे शादी पर जो खर्चा हुआ वो नही मिला। मे और मेरे फैमिली वाले मन मारकर राजी हो गए। इस घटना के बाद मै टूट सा गया और मेरे साथ काम करने वाले और मेरे दोस्त मजाक भी उड़ा दिया करते थे।
मेरी मम्मीमुझ पर दबाब बनाने लगी और परिवार का वंश कैसे चलेगा बोल कर शादी के लिए मुझे फिर से सोचने पर विवश कर दिया करीब दो साल बाद मैने अपनी
जीवनसाथी पर प्रॉफ़िल् बनाकर सर्च किया और मुझे एक विधवा जिसकी उम्र मेरे से दो साल ज्यादा थी, पसंद आई। मैने अपनी मम्मीको बताया थोड़ा ना नुकूर करने के बाद वो मान गयी। मैने तुरंत फोन कर के उनसे बात की फोन किसी लेडी ने उठाया और मै अपनी फैमिली के साथ उनके घर चला गया वो मेरे शहर में ही रहते थे। मै रास्ते भर ये सोचता रहा कि इस बार मै सब सच लड़की से पहले पूछ लूंगा। मै उनके घर पहुँच गया मेरी सास ने दरवाजा खोला और हमें अंदर आने को कहा।
मेरी सास एकदम कसी हुयी गदराये गठीले बदन की है, उनके स्तनों का आकार देखकर मेरी नजर स्तनों से हट नही रही थी, सास के चूची बड़े कसे हुए और निप्पल बड़े से काले अंगूर के साइज थे जो की उनके ब्लाउज में से नोंकदार चमक रहे थे, सास के चूची ब्लाउज में समा नही रहे थे, पूरा क्लीवेज साफ दिख रहा था।
तभी मेरी मम्मीबोली अंदर चल बेटा। हम अंदर कुर्सियों पर बैठ गए मै पूरे घर को नजर घुमाकर देख रहा था तभी सामने से मेरे ससुर राजेंद्र धामी और साला रिंकू आकर बैठ गया मेरा साला रिंकू को देखकर मुझे थोड़ा अजीब सा लगा उसकी आँखों में काजल और उसके होठों पर लिपिस्टिक जैसी लालिमा थी, उसका चेहरा लड़की की तरह और बदन चिकना था। वो मुझे बड़ी ही अजीब सी नजर से देख रहा था।
हम लोगों की फैमिली आपस में मिले और राजी थे। पर जिससे मेरी शादी होना थी उससे मेरा मिलना बांकी था। तो मेरी मम्मीबोली प्रेमा जी आप लड़की बुला ले, हालांकि घर छोटा ही था सामने वाले कमरे से दो लड़किया निकली दोनों के चेहरे सुंदर चमक रहे थे।
दो लड़कियों की उम्र बराबर लग रही थी
पर एक छोटी लड़की दरवाजे की पास खड़ी थी।
जिसका चेहरा और शकल बीच वाली से काफी मिल रही थी, मेरी नजर छोटी वाली पर थी, उसका बदन स्लिम और उसके उरोज छोटे टेनिस की बॉल की तरह टाइट थे, उसके नितंब ऊपर नीचे होकर हिल रहे थे। पर मै मन में सोचने लगा काश ये वो होती। तीनों मुझे ही देख रही थी, तभी मेरी सास प्रेमा बोली कुसुम इधर आ कर बैठ जा, ये सुनकर मै समझ गया की ये मेरी होने वाली बीवी है। कुसुम चेहरे पर ख़ुशी और हंसी थी।
मेरी सास मेरी मम्मीको बताने लगी की कुसुम सब काम कर लेती है बहुत होशियार है वागिरा वगैरा। कुसुम थोड़ी शर्माते हुए मुस्करा रही थी। तभी मेरे ससुर बोले अरुण तुम लोगों को बात करनी हो तो कर लो।मैने तुरंत कहा ये सबसे जरूरी। फिर हम लोग घर के बाहर बरामदे में आ कर बैठ गये। मैने खुद ही शुरुआत कर दी और कुसुम को अपनी कॉलेज की वो लड़की जिससे मै कभी कुछ नही कह पाया से लेकर अपनी पहली शादी की सुहागरात की पूरी कहानी बता दी और आखिर में एक लाइन बोली की मै 38 साल का वर्जिन लड़का हू जिसने आज तक किसी को किस भी नही किया है। ये सुनकर कुसुम जोर से हँस पड़ी। मुझे भी हंसी आ गयी मैने कहा कुसुम अब तुम मुझे कुछ बताना चाहो तो बता सकती हो।
फिर कुसुम ने बोलना शुरू किया ----
जारी है.......
आगे कहानी शुरू करने से पहले मुझे आप लोगों के कॉमेंट, और रेटिंग का इंतजार रहेगा क्योंकि आपके कॉमेंट ही मुझे आगे लिखने के लिए उत्साहित करेंगे।
अध्याय --- 2 --- मेरी होने वाली बीवी कुसुम की पहली शादी से विधवा होने तक की दास्तां
आखिर में एक लाइन बोली की मै 38 साल का वर्जिन लड़का हू जिसने आज तक किसी को किस भी नही किया है। ये सुनकर कुसुम जोर से हँस पड़ी। मुझे भी हंसी आ गयी मैने कहा कुसुम अब तुम मुझे अपनी पहली शादी, विधवा होना और अपनी फैमिली बारे में शुरु से सब कुछ बताना चाहो तो बता सकती हो।
फिर कुसुम ने बोलना शुरू किया ----
मेरे परिवार में मेरे मम्मी, पापा, मेरी तीन बहन, एक भाई और मेरी एक प्यारी बेटी है। मेरे पापा हॉस्पिटल में वार्ड बॉय की पोस्ट पर नौकरी करते है। मेरे पापा ने हम सब को बड़े लाड़ प्यार से पाला है पापा की जो हैसियत थी उससे ज्यादा देने की कोशिश की है और अपना फर्ज निभाया है हम उनका फर्ज का कर्ज कभी नही चुका सकते है।
हमारा घर छोटा सा है जिसमे एक कमरा, किचन और लैट्रिन बाथरूम है। हम लोग का बचपन गरीबी में बीता है मेरी बड़ी दीदी प्रीति जो मुझसे पांच साल बड़ी है मै उनके कपड़े, फिर मुझसे पांच साल छोटी बहन जुली मेरे कपड़े और सबसे छोटा भाई रिंकू जो मुझसे दस साल छोटा है वो जुली के कपड़े पहनकर हम लोग खुश रहते थे।
समय बीतता गया मेरी दीदी प्रीति 23 साल की हो गयी थी और उस ने bsc nursing कर चुकी थी तो पापा ने उसे अपने हॉस्पिटल में नर्स की नौकरी दिलवा दी। मेरी उम्र 18 की होने वाली थी।
एक रात प्रीति दीदी और पापा की रात में ड्यूटी थी और पापा तो वार्ड बॉय थे जो की साफ सफाई करके अपने अन्य वार्ड बॉय के साथ हंसी मजाक करते सो जाते। पर प्रीति दीदी नर्स थी जो की देर रात तक मरीजो की देखभाल करती। रात के चार बजे होंगे और हमारे घर के दरवाजे के खटखटाने की जोर से आवाज आई मेरी छोटी बहन उस टाइम
साल की और छोटा भाई
साल का था। हमारे यहा एक ही कमरा था दरवाजे की आवाज सुनकर मै और मम्मीजाग गये और दरवाजे के पास जाकर मम्मीने आवाज दी कौन है तो पापा बोले मै हू खोलो। मम्मीने पूछा आप अभी इस टाइम कैसे आ गए। क्या हुआ प्रीती ठीक है पापा बोले तुम सब सो जाओ सुबह बात करते है, हम सब लेट गए और कमरे की लाइट बंद कर दी पर मम्मीऔर मुझे नींद नही आ रही थी तो मम्मीने पापा से धीरे से पूछा क्या हुआ पापा बोले प्रीति की शादी करनी पड़ेगी वो भी जल्दी वो अब जवान हो गयी है इतनी जल्दी मम्मीने पूछा पहले पूरी बात बताओ पापा फिर बताने लगे। मै मम्मीपापा की सब बाते सुन रही थी।
मै आज हॉस्पिटल की साफ सफाई करने के बाद रात के करीब दो बजे प्रीति बेटी को देखने वार्ड में गया मुझे प्रीति की चिंता थी तो मैने सोचा की बेटी को देख कर आता हू। और मै वार्ड में चला गया पर प्रीति नही मिली। तो मै स्टाफ चैंबर में देखने चले गया। चैंबर में से धीरे धीरे हसने और बातें करने की आवाज आ रही थी तो मैने स्टाफ चैंबर के दरवाजे से हल्के से खोला तो मुझे नंगी टाँगे दिखाई दी टाँगे किसी आदमी की थी तो मेरा माथा ठनका और मैने थोड़ा सा दरवाजा के अंदर सिर डाल कर देखा तो
स्टाफ चैंबर के अंदर एक आदमी और लड़की पूरे निर्वस्त्र नंगे खड़े होकर हँस रहे थे। लड़की की पीठ मेरी तरफ थी तो मम्मीहँसते हुए बोली इसमें ऐसा क्या हो गया डॉक्टर और नर्स होंगे। आप तो सब जानते है और मुझे कितनी बार बता चुके है और ये सब देखने के बाद घर आकर मुझे जोर जोर से किचन में ले जाकर चोदते है। मैने मम्मीके मुह से चोदने वाला शब्द सुनकर चोंक गयी, मुझे मम्मीकी चूड़ियों की आवाज सुनाई दी मैने हल्के से उचक कर देखा मम्मीपापा का चड्ढी के अंदर हाथ डालकर लंड सहला रही थी। आप को और मजा लेना चाहिए था। पापा बोले यही सोचकर मै थोड़ा सा और दरवाजे के अंदर आ गया और उस लड़की के बदन को गौर से देखने लगा। उसके चिकने गोरे गोरे, मोटे मोटे नितंबो के बीच की घाटी देखकर मेरा लंड खड़ा हो गया। फिर वो दोनों थोड़े फुसफुसाए मैने ध्यान से सुना वो आदमी उस लड़की से कह रहा था की मेरा लंड चुसो पर वो मना कर रही थी। लड़की बार बार कह रही थी सर आप दो बार चोद चुके हो अब आपका लंड चूसने से भी खड़ा नही होगा पर वो आदमी जिद कर रहा था। और फिर लड़की उस आदमी के लंड को पकड़ कर सहलाने लगी। वो आदमी फिर बोला करो ना एक बार फिर से। और वो लड़की होंठो को चूमते और वो लड़की होंठो को चूमते हुए पलटी और अपनी सफेद केप्री (नर्स की ड्रेस) उठा कर पहनकर कुर्सी पर बैठ गयी और उस आदमी लंड पकड़कर बड़े प्यार से सहलाते हुए चूसने लगी।
ये देखकर मेरी आँखे फटी रह गयी। क्योकि वो लड़की मेरी सगी 23 साल की बड़ी बेटी प्रीति पूरी नंगी होकर जोर जोर से बड़े ही प्यार से मेरी आँखों के सामने लंड चूस रही थी। ये सुनकर मेरे और मेरी मम्मीदोनों के होश उड़ गए मेरी मम्मीकी चूड़ियों की आवाज बंद हो गयी। और पापा की आवाज रुआंशि होकर भारी हो गयी, पापा बोले
मेरी प्यारी बेटी जिसको मै अपने हाथो से कुल्फी खिलाता था और वो बडे प्यार से चाट चाट कर खाती थी वो ही बेटी मेरे सामने लंड चाट रही थी। मेरी प्यारी बेटी जिसके छोटे छोटे उभारो को निकलने पर मैने तुमसे कह था कि अब इसे अच्छी और महंगी वाली ब्रा खरीद कर पहनने को बोलो क्योकि कोई भी मेरी बेटी की निकलते हुए उभारो को ना देखे मेरी उसी प्यारी सी बेटी के बड़े बड़े कसे हुए दूधों को मैने अपनी नंगी आँखों से देखा। मेरी फूल सी बेटी जिसका बदन को ढकने के लिए मैने अपनी बीवी और अपने तन की परवाह नही की उसके यौवन और जिस्म को सबसे छिपाने की कोशिश की वो ही मेरी प्यारी बेटी मेरे आँखों के सामने पूरी नंगी होकर बैठी थी। और अपने जिस्म के उस हिस्से को (योनी) दिखा रही थी जिसे जवानी में उसका पति को देखने को अधिकार होता है आखिरकार पापा शांत हो गए उनकी आँखों में आँसू थे।
मम्मी ने पापा से कहा प्रीति को आपने उसी टाइम क्यो नही डाँट लगाई। तो पाप बोल मै नही चाहता था कि वो जिस हालत में नंगी होकर लंड चूस रही थी वो मुझे देखे और शर्म से कहीं कुछ उल्टा सीधा ना कर ली तो बिना कुछ कहे चुपचाप घर आ गया। और तुम भी उससे कुछ मत कहना। मम्मीने पूछा पर वो आदमी कौन था तो पापा बोले अभी नया डॉक्टर आया है वो थे।
सुबह आठ बजे प्रीति दीदी घर आई वो बहुत खुश थी, कपड़े बदलते हुए मम्मीसे बोलि पापा रात को ही घर क्यो आ गए थे क्या हुआ वो अभि कहा है। मम्मीचुप थी फिर प्रीति दीदी ने मुझसे इशारा किया क्या हुआ मैने कहा कुछ नही दीदी आप सो जाए पूरी रात बहुत मेहनत कर के आई है। दीदी हस्ती हुई एक कामुक अंगड़ाई लेते हुए बिस्तर पर लेट गयी।
दो घंटे बाद पापा आ गये प्रीति को बिस्तर पर देखकर मम्मीसे बोल मै अपने बुआ की देवर के बेटे से प्रीति की शादी की बात कर के आया हू। अच्छे लोग है पैसा है प्रीति खुश रहेगी और नौकरी भी कर सकती है वो राजी है। आज ही सगाई है और तीन दिन मै शादी। प्रीति दीदी सब सुन रही थी। दोपहर को प्रीति दीदी को देखने लड़के वाले आये उन्होंने पसंद किया और सगाई कर के चले गए। प्रीति दीदी गुस्से में मुह फुलाये बैठी रही पापा शादी की तैयारियों में लग गए।
शादी वाले दिन की एक रात पहले प्रीति दीदी बोली पापा मुझे शादी नही करनी है मै हॉस्पिटल मै जो नये डॉक्टर है उनसे शादी करना है वो भी तैयार है। पापा बोले उनकी उम्र तुमसे ज्यादा है तुम 23 वो 40 और तलाक शुदा है मैने तुम्हारे लिए ठीक
लड़का चुना है। और यही मेरा फ़र्ज़ है। सब शांत थे।
शादी वाले सुबह एक आदमी आया और प्रीति दीदी को आवाज देने लगा पापा ने उसे देखा और कहा सर आप यहाँ तो वो बोले मै आपकी बेटी से शादी करना चाहता हू पापा भड़क गए पर बोले कुछ नही प्रीति भी आ गयी। पापा टेंसन में थे क्योंकि वो बारात आने वाली थी। तभी मेरे पापा ने अपनी बुआ से बात की बुआ ने कोई बात नही प्रीति की जगह कुसुम की शादी कर दो। मम्मीबोली कुसुम तो 18 की है लड़का 32 का तो बुआ बोली कोई परेशानी नही है सब मान गए और मैंने भी पापा की मजबूरी समझकर हा कर दी, एक ही मंडप पर हम दोनों बहनो की शादी हो गयी और मै ससुराल पहुँच गयी।
मै अपने पापा का फ़र्ज़ समझकर उनका कर्ज उतारने की लिए तैयार थी।
मेरी ससुराल में मेरी पति, सास और ससुर बस तीन लोग ही थे। मै ससुराल मै पहुँचने की बाद मेरी पति कही चले गए मै दिन भर अपनी सास और पाप की बुआ साथ बैठ कर बातें करती रही औरतो का आना जाना लगा था। रात की दस बजे मेरी सास ने कहा बेटी जाँ अपने कमरे में तेरा पति आ गया मै अपने बेडरूम में चली गयी तो मैने देखा मेरे पति शराब के नशे में धुत पड़े थे। मैने दरवाजा बंद किया और बेड पर जाकर बैठ गयी मैने पति को हिलाया पर वो नशे में धुत थे। मै सोचने लगी आज मेरी शादी की पहली रात थी और ये आदमी शराब के नशे में धुत्त पड़ा है, मुझे रोना आ गया। और बेड पर साइड से ऐसे ही कपड़े पहने लेट गयी और मन ही मन सोचने लगी कि मेरी प्रीति दीदी की किस्मत कितनी अच्छी है उन्हें शादी से पहले ही सम्भोग सुख मिला और आज रात तो वो खूब मजे ले रही होगी। ये सोचते हुए मै सो गयी।
सुबह उठी मेरे पति अभी भी सो रहे थे मै नहा धोकर कमरे से बाहर आई मेरी सास किचन में थी और ससुर हॉल में अखबार पड़ रहे थे। सास ने मुझसे कहा बेटी तू आराम कर अभी बाद में तुझे ही करना है। मैने शांत थी सास ने पूछा वो उठा मैने कहा नही तो सास मेरे बेडरूम में पति को जगाने के लिये गयी। और बाहर आकर मेरे ससुर से धीरे बात करने लगी मै किचन में से सब देख रही थी। एक घंटे बाद मेरे पति हॉल में आये तो ससुर बोले बेटा अब तेरी शादी हो गयी है पीना बंद कर दे और बहु को कही घुमाने ले जा। पति चुपचाप सुनता रहा और घर से बाहर चला गया। मै दिन भर कमरे में अकेली सोती जागती रही।
रात के दस बजे फिर पति शराब पीकर सीधा कमरे में आया और मुझसे बोला साली छिनार तुझे लंड चाहिए ले मै आज तुझे देता हू और अपनी पैंट उतारकर नंगा हो गया मै डर के मारे काँप रही थी वो मुझे गाली देते हुए जबरदस्ती करने लगा मै समझ गयी रोकने से कोई मतलब नही है क्युकी आखिर वो मेरा पति है मेने अपनी साड़ी नीचे से उठा दी और पैंटी को उतारकर अपनी टाँगे खोलकर लेट गयी। मेरे पति का लंड ठीक से खड़ा भी नही हो पा रहा था और उसने अपने हाथो से अपने ढीले ढाले लंड को मेरी चूत में डाल दिया जो की ढीले होने की वजह से ठीक से अंदर नही जा रहा था मैने भी थोड़ा हाथ लगाकर अंदर करने की कोशिश की तो थोड़ा सा अंदर गया ही था की पति के लंड ने पानी छोड़ दिया। और वो मेरे ऊपर से हटकर अलग लेटकर सो गया।
मै सोचने लगी आखिर ये हुआ क्या क्योकि मेरी सहेली की भाभी से मेरी सेक्सी बाते कभी कभी हुआ करती थी। और भाभी ने बताया था की पहली बार सेक्स के टाइम लड़की के दर्द होता है और ब्लड भी नही निकलता है। पर लड़की को मजा बहुत आता है। पर मेरे साथ ऐसा कुछ नही हुआ ना ही दर्द हुआ और ना ही ब्लड निकला मजा तो दूर मुझे सजा सी महसूस हो रही थी। और ये सिलसिला हर दूसरे दिन होने लगा मै सेक्स तो रोज करती थी पर वर्जिन ही थी क्योकि मेरी सील अभी भी नही टूटी थी, मेरे पति का लंड कभी मेरी चूत के अंदर तक गया ही नही बस चूत के मुह को खोल के पानी छिड़क के ढीला हो जाता। मुझे अपने पति के ऐसे सेक्स से बहुत गुस्सा आता था और अपने गुस्से को पी कर शांत रहती। क्योंकि मुझे अपने पापा का फर्ज का कर्ज उतारना था।
"कहते है की भूखा प्यासा आदमी गुस्से में किसी भी हद तक जा सकता है चाहे वो भूख रोटी की हो या सेक्स की"
मेरी हालत भी वैसी हो चुकी थी
एक महीने बाद एक रात मेरे पति शराब के नशे में बोला आज में तेरी गांड मारूंगा। मै उस दिन मैं बहुत गुस्से में थी मैने कहा अबे गांडू पहले ठीक से लंड खड़ा करो साला रोज रोज कपड़े खराब कर देता है। ये सुनकर मेरे पति ने मुझे मारना शुरु किया मैने भी गुस्से में एक लात मारी तो वो बेड से नीचे गिर गया झगड़े की आवाज सुनकर मेरे सास ससुर आ गए। और मेरे पति पर चिल्लाने लगे, मेरे पति ने गुस्से में मेरे ससुर के एक थपड मार दिया। मेरे ससुर सास ने मुझसे कहा बेटी चल यहाँ सी और मेरे पति बिस्तर पर गिर पड़े और बड़बड़ाते हुए सो गए। मेरे ससुर ने मेरे मम्मीपापा को फोन करके सुबह बुला लिया। मेरे पापा को सारी बात बताई और मेरे पापा से हाथ जोड़कर बोल भाई साहब मुझे माफ कर दीजिये मेरा बेटा शराब और नशा कर कर के अपनी लाइफ तो बर्बाद कर चुका है बस आपकी बेटी की ना हो इसलिए आप का जो भी खर्चा हुआ है और उससे भी ज्यादा मै देता हू आप इन दोनों का तलाक करवा दीजिये। मेरी सास ने मेरी मम्मीकुछ इशारा किया। मेरी मम्मीऔर सास एक कमरे में आ गये मेरी सास ने पूछा बेटी तुम्हारे साथ मेरे बेटे ने ठीक से संभोग किया है क्या मैने ये सुनकर दंग रह गयी मैने कहा हा पर आप ऐसे क्यो पूछ रही हो तो सास बोली क्योकि मै एक औरत हू और जानती की एक शादीशुदा लड़की रूखी सूखी रोटी खा कर जिंदगी निकाल सकती है पर जब तक उसके जिंदगी में सेक्स की संतुष्टि
ना हो तो जिंदगी बेकार है और जब मेरा बेटा नशे की हालत में ठीक से खड़ा नही हो सकता तो वो तुम्हे संभोग सुख नही दे सकता और बिना संभोग के हमारा वंश भी नही बढ़ेगा l इसलिए पूछ रही हू मैने सब सच बता दिया तो मेरी सास बोली ठीक है फिर तुम उसको तलाक दे दो। मेरी मम्मीपापा ने भी हामी भर दी और हमारा तलाक केस file हो गया।
मै अपने घर आ गयी तीन महीने को होने आये थे मेरी mc नही आई थी और तबियत भी थोड़ी खराब हो रही थी मै लेडी डॉक्टर के पास गयी तो वो बोली आप पेट से हो। मैने लेडी डॉक्टर को अपनी संभोग की बात बताई तो वो बोली जरूरी नही है की योनि में लिंग पूरा अंदर जाने पर ही बच्चा हो। गर्भ तो थोड़ा सा वीर्य किसी भी तरह योनि के रास्ते अंदर गरभाष्य में जाना चाहिए तो गर्भ ठेहर सकता है। मै खुश भी थी और दुखी भी। मैने अपनी मम्मीको ये बात बताई तो वो बोली तुझे जो करना है करे कुछ दिनों बाद मेरे पति का एक एक्सीडेंट में मौत हो गयी और मै तलाक मिलने से पहले विधवा हो गई।
मैने अपनी मम्मीको ये बात बताई तो वो बोली तुझे जो करना है करे कुछ दिनों बाद मेरे पति का बीमारी से मौत हो गयी और मै तलाक मिलने से पहले विधवा हो गई।
छे महीने बाद मैने एक एक प्यारी सी बेटी को जनम दिया टाइम बीतता गया मेरी बेटी, मेरा छोटा भाई , और मेरी छोटी थी। मेरे पापा मेरी हालत को देखकर अंदर सी बहुत दुखी और टूट गए थे और उनकी तबियत भी खराब होने लगी थी। मेरी बड़ी दीदी प्रीति और जीजाजी का ट्रांसफर हो गया था।
मै आपको बता चुकी हू हमारे यहा एक ही कमरा था जिसमें सब सोते थे, एक रात मेरी मम्मीमेरे पापा से धीरे धीरे बातें कर रही थी। मम्मीकी चूड़ियों की आवाज से मैने थोड़ा सा उचक कर देखा मम्मीउनके चड्ढी के अंदर हाथ डालकर पापा का लंड सहला रही थी और उनसे कह रही थी एक साल होने को आई तुम तो मेरी तरफ ध्यान ही नही देते हो बस हमेशा अपनी बेटी के बारे में सोचते रहते हो चलो किचन में अब मुझसे रहा नही जाता है तभी पापा ने मम्मीका हाथ अपने लंड पर से हटाया और बोले तुमे अपने जिस्म की प्यास बुझाना है बस कभी अपनी बेटी के बारे में सोचो कोई भी लड़की जिसके जिस्म को जब तक कोई मर्द एक बार छू लेता है तो उसको बदन में आग लगती होगी तो वो बेचारी क्या करे। ये सुनकर मम्मीगुस्से में बोली तो मै क्या करू मेरी गलती है क्या जब देखो बेटी का जाप करते हो तो तुम ही उसकी आग शांत कर दो। ये सुनकर पापा को भी थोड़ा गुस्सा आ गया और वो बोले जब तक मै अपनी बेटी की फिर से शादी कर के उसको पति का सुख नही मिल जाता तब तक मै अकेला सोऊंगा और उठ कर अपने बिस्तर लेकर किचन में चले गए। ये सुनकर मुझे बहुत बुरा लगा मै सोचने लगी मेरी वजह से पापा मम्मीसंभोग सुख नही ले पा रहे है।
"पापा के इस फ़र्ज़ का कर्ज मै इस जनम में नही उतार सकती"
अगले दिन से मम्मीबस अब मेरी दोबारा शादी के चक्कर में रिश्तेदारों, समाज के लोगो सी बात करना शुरू कर दी, मेरी मम्मीपापा अक्सर आसपास के शहरों में जाते, छोटी बहन स्कूल चली जाती और मै घर में अकेली रह जाती। पर मुझसे शादी के लिए तो राजी हो जाते पर कोई भी मेरी बेटी को साथ रखने को तैयार नही था।
मेरे स्तनों का साइज 36 है, मेरे चूची बड़े बड़े, दूध से भरे हुए, टाइट कसे हुए, गोलाकार shape में है। मै अपनी बेटी को दूध पिलाने के कारण अभी ब्रा नही पहनती हू बस ढीले कपड़े वाली मैक्सी, और पापा की पुरानी शर्ट पहनकर घर में रहती हू। मेरे निप्पल बड़े मोटे और चोकलेटी रंग के है मै जब पापा की शर्ट पहनती हू तो मेरे चूची ऊँचे बड़े गुंबद की तरह बाहर की ओर निकले रहते है और गुंबदो की बीच में एक गली जैसी जगह नजर आती है।
मेरा भाई खेल खेल कर बोर हो गया था और मुझे हिलाते हुए जगाने लगा मेरी आँखे खुल नही पा रही थी। थोड़ी देर बाद वो रोने लगा तो मै घबरा कर उठी और सीने से लगाकर बोली क्या हुआ रिंकू वो बोला नींद आ रही है और मैने अपनी बेटी और छोटे भाई को सीने से चिपका कर सो गयी।
"आज मैने अपने भूख से बिलखते हुए छोटे भाई को दूध पिलाकर शायद अपना फर्ज पुरा किया पर ये कर्ज ये कैसे उतरेगा मुझे नही पता था "
ऐसे ही साल निकलती जा रही थी मेरी और मम्मीदोनों की हालत एक जैसी हो गयी थी दिन तो हमारा आराम से निकल जाता पर रातें काटने मै बहुत मुश्किल होती थी। मेरी तो मजबूरी थी पर मेरी मम्मीको शायद मेरी वजह से पापा का प्यार नही मिल पा रहा था। हम दोनों मम्मीबेटी अपनी अपनी काम वासना में जल रहे थे।
और मेरे पापा भी सिर्फ मेरे खातिर अपनी बीवी से दूर रहकर अपने आप को सजा देकर अपना फर्ज निभा रहे थे।
मै हमेशा सोचती की पापा के इस फर्ज का कर्ज कैसे चुकाउंगी।
मैंने आगनबाडी में नौकरी कर ली और घर पर सिलाई का काम करने लगी थी। मै अपनी छोटी बहन के कपड़े काट पीट कर अपनी बेटी और छोटे भाई के साइज के बनाकर पहना देती और पापा की शर्ट को काट कर अपने लिए ब्लाउस बना लेती। मेरी सारी सजने सवरने की इच्छा खतम हो रही थी जब कही किसी funtion में जाना होता तो मै अपनी बेटी को makeup करके जरूर सवारति। ये देखकर मेरा छोटा भाई भी जिद करता तो मै उसे भी अपनी बेटी रिंकी की तरह makeup करू मै उसको भी लिपिस्टिक लगाकर रिंकी के ड्रेस पहना कर लड़कियों कि तरह अपने साथ ले जाती अक्सर लोग समझते की मेरा छोटा भाई भी लड़की है।
समय कितनी तेजी से निकलता है पता ही नही चलता है, मेरी बेटी भी जवान हो गयी उसका योंवन उसके बदन पर दिखने लगा उसके छातियो पर उभार आ गए और वो मुझसे सवाल करने लगी जिसका मेरा पास जबाब कम होता। मैने अपनी बेटी को हमेशा अपने पापा की खुशी देने की बाते सिखायी।
कुछ दिन बाद मेरे जीजा और प्रीति दीदी आई जीजा बोले मेरे पापा से मेरी छोटी बहन जुली की शादी के लिए एक रिश्ता है। पापा ने पूरी बात सुने बिना ही कहा अगर मेरी कुसुम के लिए कोई रिश्ता हो तो बताओ तो जीजा बोले ठीक है फिर मै कुसुम की online शादी वाली वेबसाइट पर प्रॉफ़िल् बना देता हू। पर कुसुम से पूछ लो वो राजी है कि नही तो पापा बिना मुझसे बोले वो राजी है। मेरी उम्र 36 की हो गयी थी मेरा मन तो नही था पर मैने पापा का फर्ज का कर्ज उतारने के लिए हामी भर दी। और आपका फोन मेरी दीदी के पास आया आप यहा आये मै आज आपके सामने बैठी हू।
इतना सब बोलने के बाद कुसुम ने एक लंबी सांस ली और चुप हो गई। तभी अंदर से मेरी मम्मीऔर कुसुम की मम्मीआई और मुझसे कहा बेटा सब कुछ पूछ लिया हो तो अंदर चले। मैने कहा बस एक मिनिट और मैने कुसुम से कहा कुछ और भी हो जो शायद तुम्हे याद ना हो बता दो वो बोली नही सब बता दिया। मैने कहा एक आखिरी बात क्या मै तुम्हे पसंद हू मुझसे शादी अपनी मर्जी और दिल से कर रही हो या पापा की मर्जी से तो वो बोली आप से बातें कर के मै समझ गयी हू कि आप ही वो जिसे मेरी बेटी पापा कहेगी। और आप पापा के साथ साथ मुझे भी दिल से पसंद हो। फिर हम लोग अंदर कमरे में आ गये।
अंदर मै अपनी मम्मीपापा के पास बैठ गया और कुसुम अपनी मम्मीके पास, मेरी मम्मीकुसुम से घर गृहस्थी की बातें करने लगी। मेरे पापा पुराने ख्यालों के है वो कुसुम के पापा से बात करते हुए थोड़ी देर बाद कुसुम के पापा बोले से बोले भाई साहब एक बात पूछना थी की शादी के बाद कुसुम की बेटी की जिम्मेदारी कौन लगा क्योकि वो भी सयानी हो गयी है उसकी शादी वगेरा। कुसुम के परिवार वाले एक दूसरे की शक्ल देखने लगे।
मैने कुसुम की बेटी रिंकी की तरफ देखा वो मेरी तरफ ही बड़े मासूम भरी नजरों से देख रही थी। उसकी आँखों में आँसू से गीली थी उसकी नजर उत्सुक होकर मेरे कुछ कहने का इंतजार कर रही थी। उसके चेहरे पर उदासी और डर दिख रहा था। मुझसे ये सब देखा नही गया और मै अपने पापा को बोला रिंकी मेरे साथ रहेगी अपने मम्मीपापा के घर में और उसकी पूरी जिम्मेदारी मै लेता हू। मै उसको अपनी सगी बेटी की तरह प्यार दूंगा और उसकी आँखों में कभी कोई आँसू नही आने दूंगा उसकी हर खवाइश पूरी करूँगा ये मेरा वादा है। ये सुनकर रिंकी के चेहरे पर ख़ुशी देखकर मै अपने आप लोगो को अपनी हालत बयां नही कर सकता। कुसुम के पापा मेरे आँगे हाथ जोड़कर खड़े हो गए उनकी आँखों में भी खुशी के आँसू थे, मैने उन्हें बैठने को कहा। सब फिक्स होने वाला ही था तो मेरे मुह से कुंडली मिलाने की बात निकल पड़ी क्योकि मै पिछली बार की तरह कोई रिस्क नही लेना चाहता था। कुसुम की मम्मीने कुसुम की कुंडली मेरी मम्मीको दे दी और थोड़ी देर बाद हम अपने घर के लिए चल दिये जाते जाते मैने और मेरे मम्मीपापा बोले हमारी तरफ से रिश्ता पक्का है बस कुंडली की फॉर्मलिटी पूरी कर के शादी की तारीख आप को बता देगे। मै, कुसुम, और हमारे परिवार के लोग सभी खुश थे।